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पाइल्स (बवासीर) का लेजर के द्वारा इलाज - Piles Treatment in Hindi
बवासीर एक गंभीर गुदा रोग है, जो भारत में हर चार में से एक व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह स्थिति इतने ज्यादा लोगों को प्रभावित करती है, लेकिन फिर भी कोई व्यक्ति इस विषय पर खुलकर बात नहीं करता है। बवासीर के कारण लोगों को बहुत दर्द, और असुविधा का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण उनका दैनिक जीवन प्रतिबंधित हो सकता है। बवासीर की समस्या कई कारणों से हो सकती है जैसे - मलाशय पर अतिरिक्त दबाव, खराब जीवनशैली, अधिक तला हुआ भोजन खाना, क्रोनिक कब्ज, प्रेगनेंसी इत्यादि।
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बवासीर क्या है? – Piles Kya Hai?
बवासीर (Bawaseer) एक ऐसी स्थिति है, जिसका सामना हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी करता है। एक व्यक्ति बवासीर की समस्या से परेशान तभी होता है, जब उसके गुदा या मलाशय की रक्त वाहिकाएं सूज जाती हैं। गुदा रोग विशेषज्ञों के अनुसार बवासीर दो प्रकार के होते हैं – अंदरूनी बवासीर और बाहरी बवासीर। अंदरूनी बवासीर मलाशय के अंदर होते हैं, और बाहरी बवासीर में मस्से गुदा के बाहर विकसित होते हैं। यदि मरीज गुदा क्षेत्र में दर्द, खुजली, और असुविधा का सामना कर रहे हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि वह व्यक्ति बवासीर की समस्या से पीड़ित है। बवासीर के इलाज के लिए डॉक्टर अलग अलग विकल्प का सुझाव दे सकते हैं जैसे – जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव, दर्द निवारक दवाएं, रबर बैंड लिगेशन, ऑपरेशन इत्यादि। उचित निदान और इलाज की योजना के लिए एक अनुभवी प्रोक्टोलॉजिस्ट या गुदा रोग विशेषज्ञ से परामर्श करना आवश्यक है।
बवासीर के प्रकार – Bawaseer ke Prakar
बवासीर (पाइल्स) दो प्रकार के होते हैं, आंतरिक बवासीर और बाहरी बवासीर। चलिए दोनों को एक एक करके समझते हैं –
अंदरूनी/आंतरिक बवासीर
इस प्रकार की पाइल्स में गुदा के अंदरूनी भाग में बवासीर के मस्से विकसित होते हैं और उन्हें गंभीरता के अनुसार अलग अलग ग्रेड में बांटा गया है।
ग्रेड 1: आम तौर पर गुदा में छोटे आकार के बवासीर के मस्सों के कारण कोई भी लक्षण महसूस नहीं होते हैं और इस स्थिति का इलाज जीवनशैली में बदलाव और कुछ क्रीम की सहायता से हो सकता है।
ग्रेड 2: इस ग्रेड में बवासीर के मस्सों का आकार थोड़ा ज्यादा होता है, जो मल त्याग के दौरान गुदा के बाहर आ जाते हैं और यह बिना इलाज के ही गुदा में फिर से वापस चले जाते हैं।
ग्रेड 3: इस ग्रेड में बवासीर के मस्से मल त्याग के दौरान बाहर निकल जाते हैं और इन्हें स्वयं ही अपने स्थान पर धकेलने की जरूरत होती है। इस ग्रेड में इलाज के लिए नॉन सर्जिकल उपचार की मदद ली जा सकती है।
ग्रेड 4: यह ग्रेड बवासीर का गंभीर ग्रेड है। इस ग्रेड में बवासीर गुदा से बाहर की तरफ निकल जाते हैं और इस स्थिति के इलाज के लिए ऑपरेशन की आवश्यकता होती है।
बाहरी बवासीर
बाहरी बवासीर वह स्थिति है जब गुदाद्वार के चारों तरफ बवासीर के मस्से उत्पन्न हो जाते हैं और इसके कारण रोगी को दर्द और असहजता का सामना करना पड़ता है।
बवासीर की जांच –
प्रोक्टोलॉजिस्ट या गुदा रोग विशेषज्ञ समस्या और इसकी गंभीरता की जांच के लिए कुछ टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं। बवासीर के ऑपरेशन से पहले डॉक्टर निम्नलिखित जांच का सुझाव दे सकते हैं –
- मेडिकल हिस्ट्री: परामर्श के दौरान डॉक्टर रोगी के द्वारा महसूस किए जा रहे लक्षण जैसे दर्द, खुजली, मल में खून इत्यादि के बारे में पूछ सकते हैं। वह रोगी से चिकित्सा इतिहास के बारे में भी कुछ प्रश्न पूछ सकते हैं।
- डिजिटल रेक्टल परीक्षण (डीआरई): कुछ मामलों में, डीआरई का सुझाव दिया जा सकता है। इस जांच प्रक्रिया में डॉक्टर दस्ताने पहन कर अपनी उंगली से रोगी की गुदा में मौजूद गांठ को महसूस करते हैं। इस परीक्षण के द्वारा गुदा में मौजूद अन्य समस्या का भी पता चल सकता है।
- एनोस्कोपी या प्रोक्टोस्कोपी: इस प्रक्रिया में एनोस्कोप या प्रॉक्टोस्कोप नाम के उपकरण का उपयोग होता है। इस प्रक्रिया के दौरान विशेषज्ञ गुदा में एनोस्कोप या प्रॉक्टोस्कोप को डालते हैं और गुदा में मौजूद सभी असमान्यताओं की जांच करते हैं। इससे बवासीर के स्थान, आकार, और गंभीरता का आकलन हो पाता है, जो इलाज की योजना बनाने में मदद करता है।
- सिग्मोइडोस्कोपी: इस प्रक्रिया में एक सिग्मोइडोस्कोप नाम के उपकरण का उपयोग होता है, जिससे गुदा के अंदर और निचले कोलोन की जांच की जाती है। इस जांच प्रक्रिया से बवासीर जैसी गंभीर समस्या की पहचान हो पाती है।
- कोलोनोस्कोपी: कोलोनोस्कोपी के द्वारा बड़ी आंत में मौजूद असामान्यताओं की जांच की जाती है। इस जांच के द्वारा गुदा से संबंधित गंभीर रोग के बारे में भी पता चल सकता है।
बवासीर का इलाज – Piles Treatment in Hindi
बवासीर के इलाज के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें से मुख्य विकल्पों को नीचे बताया गया है –
रबड़ बैंड लिगेशन
अंदरूनी बवासीर (Internal Piles) के लिए रबड़ बैंड लिगेशन एक आम तरीका है। इस प्रक्रिया के दौरान, डॉक्टर गुदाद्वार में अंदरूनी बवासीर की जांच के लिए एक दूरबीन का प्रयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में एक विशेष यंत्र का प्रयोग होता है, जिसे लिगेटर कहा जाता है। इस उपकरण के द्वारा बवासीर के मस्से के निचले भाग पर एक छोटा सा बैंड लगा होता है। इस रबर बैंड का उद्देश्य बवासीर के मस्सों तक रक्त के संचार को बंद करना है। ऐसे होने से यह मस्से सूख जाते हैं और सिकुड़ कर गिर जाते हैं। रबड़ बैंड लिगेशन एक सरल और प्रभावी प्रक्रिया है, जिसे पूरा करने में लगभग 30 मिनट का समय लगता है। आम तौर पर प्रक्रिया के बाद, रोगी घर जा सकते हैं। प्रक्रिया के बाद वह जल्द से जल्द स्वस्थ भी हो सकते हैं और कुछ ही दिनों में अपने सामान्य गतिविधियों को फिर से शुरू कर सकते हैं।
स्क्लेरोथेरेपी
स्क्लेरोथेरेपी बवासीर के इलाज के लिए एक नॉन-सर्जिकल विकल्प है। इस प्रक्रिया में स्क्लेरोसेंट नामक एक विशेष दवा का प्रयोग होता है। इस दवा को बवासीर की गांठ की नसों में इंजेक्शन के द्वारा डाला जाता है। इस दवा के कारण प्रभावित नसें सूखने लगती है और अंततः गायब हो जाती है। आम तौर पर डॉक्टर स्क्लेरोथेरेपी का सुझाव अंदरूनी बवासीर के इलाज के लिए देते हैं।
इन्फ्रारेड फोटोकोगुलेशन
इन्फ्रारेड फोटोकोगुलेशन का सुझाव छोटे और मध्यम आकार के अंदरूनी बवासीर के इलाज के लिए दिया जाता है। इस इलाज में, डॉक्टर एक उपकरण का उपयोग करते हैं, जिससे इंफ्रारेड लाइट की एक तीव्र धारा उत्पन्न होती है। इन्फ्रारेड लाइट को बवासीर के गांठ पर लक्षित किया जाता है, जिससे मस्से स्कार टिश्यू में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया का भी मुख्य उद्देश्य बवासीर के मस्सों को सुखाना है। इन्फ्रारेड फोटोकोगुलेशन आम तौर पर एक त्वरित प्रक्रिया है, और अधिकांश व्यक्ति इसके बाद तुरंत अपनी सामान्य गतिविधियों को शुरू कर सकते हैं।
इलेक्ट्रो कोगुलेशन
इलेक्ट्रो कोगुलेशन एक प्रक्रिया है, जिसमें बवासीर के मस्सों को खत्म करने के लिए बिजली का प्रयोग होता है। इस प्रक्रिया में प्रॉक्टोस्कोप को गुदाद्वार के पास रखा जाता है, जिससे बवासीर की संख्या, आकार और स्थान का पता चल सके। फिर एक दूरबीन जैसे उपकरण को बवासीर के गांठ के पास ले जाया जाता है और बिजली को उन गांठ पर लक्षित किया जाता है। इस बिजली के द्वारा बवासीर के मस्से खत्म हो जाते हैं।
यह थे बवासीर के कुछ नॉन सर्जिकल विकल्प। बवासीर के इलाज के लिए डॉक्टर निम्न सर्जिकल प्रक्रियाओं का सुझाव दे सकते हैं –
- ओपन सर्जरी (ओपन हेमरॉयडेक्टमी): ओपन सर्जरी में, बवासीर का पता लगाने के लिए गुदा क्षेत्र में एक बड़ा कट लगाया जाता है। आम तौर यह कट गुदा के चारों ओर या गुदा नाल में लगाया जाता है। कट कहां लगेगा और कितना बड़ा लगेगा इसका निर्णय बवासीर की स्थिति और गंभीरता पर आधारित होता है। सर्जन सर्जरी के उपकरण का प्रयोग करके बवासीर के मस्सों को सावधानीपूर्वक हटा देते हैं। प्रक्रिया में रक्त हानि की संभावना होती है इसलिए रक्त की पूर्ति के लिए सर्जन पर्याप्त कदम उठाते हैं। ओपन सर्जरी के बाद रोगी को स्वस्थ होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।
- स्टेपलर सर्जरी (स्टेपलर हेमरॉयडेक्टमी): स्टेपलर सर्जरी, जिसे स्टेपलर हेमरॉयडेक्टमी भी कहा जाता है। इस विधि का सुझाव डॉक्टर उन मरीजों को देते हैं, जो बवासीर के गंभीर ग्रेड से पीड़ित होते हैं। इस प्रक्रिया में एक स्टेपलर के द्वारा बवासीर के अतिरिक्त ऊतकों को हटा दिया जाता है, जिससे बवासीर के गांठ तक रक्त नहीं पहुंच पाता है। इस प्रक्रिया के दौरान और बाद में रोगी को दर्द बहुत कम होता है। आम तौर पर स्टेपलर सर्जरी के बाद रोगी जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाता है और कम से कम जटिलताएं उत्पन्न होती हैं।
- लेजर सर्जरी: बवासीर के इलाज के लिए लेजर सर्जरी को सबसे सुरक्षित और सबसे प्रभावी सर्जिकल विकल्प माना जाता है। इस प्रक्रिया में, बवासीर के मस्सों को खत्म करने के लिए लेजर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। लेजर ऊर्जा सटीक रूप से बवासीर को खत्म कर सकती है, जिसके कारण गुदा के स्वस्थ ऊतकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेजर सर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है और प्रक्रिया के बाद रोगी जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकता है। इसके साथ ही रोगी को इलाज के बाद अस्पताल में रुकने की आवश्यकता नहीं होती है।
पाइल्स (बवासीर) के लेजर ऑपरेशन के फायदे:
ओपन सर्जरी की तुलना में लेजर ऑपरेशन के कई फायदे हैं। लेजर ऑपरेशन में एक छोटा कट लगाया जाता है, जिससे संक्रमण का खतरा भी कम होता है। लेजर ऑपरेशन के बाद रोगी को अस्पताल में कम समय तक रहना पड़ता है और वह जल्द ही अपने सामान्य जीवन में लौट सकते हैं। लेजर ऑपरेशन के कुछ विशिष्ट फायदे इस प्रकार हैं:
- कम दर्द: लेजर ऑपरेशन के बाद रोगी को दर्द कम होता है, क्योंकि इसमें छोटे कट लगाए जाते हैं। कुछ मामलों मरीज को दर्द का सामना करना पड़ सकता है, जिसके प्रबंधन के लिए डॉक्टर दर्द निवारक दवाएं दे सकते हैं।
- ऑपरेशन में कम समय: लेजर ऑपरेशन एक आधुनिक प्रक्रिया है, जिसके कारण इस प्रक्रिया को पूरा होने में कम समय लगता है।
- संक्रमण की कम संभावना: ऑपरेशन के लिए बहुत छोटा कट लगाया जाता है, जिसके कारण संक्रमण की संभावना बहुत कम हो जाती है।
- आउटपेशेंट प्रक्रिया: बवासीर के लेजर ऑपरेशन के बाद मरीज उसी दिन अपने घर जा सकते हैं, लेकिन लेजर ऑपरेशन के कुछ मामलों में डॉक्टर रोगी को एक रात के लिए अस्पताल में रुकने की सलाह दे सकते हैं।
- जल्द से जल्द स्वस्थ: लेजर ऑपरेशन के बाद रोगी जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाता है। आम तौर पर मरीज जल्द ही अपनी सामान्य गतिविधियों पर वापस लौट सकता है।
बवासीर के इलाज के लिए लेजर ऑपरेशन एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। यदि किसी भी व्यक्ति को बवासीर के लक्षण दिखते हैं, तो वह तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें।
बवासीर के ऑपरेशन की आवश्यकता कब होती है? – Bawaseer Operation ki Avashyakta
निम्नलिखित स्थिति में डॉक्टर रोगी को बवासीर के लेजर ऑपरेशन का सुझाव दे सकते हैं –
- क्रोनिक बवासीर: क्रोनिक बवासीर के मामले में लेजर ऑपरेशन का सुझाव डॉक्टर मरीज को दे सकते हैं। इस स्थिति में बवासीर बार बार लोगों को परेशान करती है। ऐसे मामलों में लोगों को निरंतर दर्द, खुजली, और रक्त हानि का सामना करना पड़ता है।
- नॉन सर्जिकल इलाज की विफलता: यदि नॉन सर्जिकल इलाज के बाद भी बवासीर की समस्या से राहत नहीं मिलती है, तो डॉक्टर मरीज को लेजर ऑपरेशन का सुझाव देते हैं।
- गंभीर लक्षण: यदि रोगी बवासीर के गंभीर लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो भी डॉक्टर लेजर ऑपरेशन का सुझाव दे सकते हैं। बवासीर के ऑपरेशन के बाद मरीज को इन लक्षणों से राहत मिल जाती है।
- अंदरूनी बवासीर: अंदरूनी बवासीर से पीड़ित लोगों के लिए लेजर ऑपरेशन लाभदायक साबित हो सकता है। इस प्रक्रिया में दूरबीन का प्रयोग होता है, जो बवासीर के सभी मस्सों तक पहुंचने में मदद करता है।
- बेहतर स्वास्थ्य: बवासीर के ऑपरेशन से पहले सर्जन इस बात की पुष्टि अवश्य करते हैं कि रोगी स्वस्थ होना चाहिए। इसके कारण इलाज की सफलता दर में भी वृद्धि होती है।
बवासीर के लेजर ऑपरेशन से पहले क्या तैयारी करें – Bawaseer ke Operation ki Taiyari Kab Kare
डॉक्टर बवासीर के लेजर ऑपरेशन से पहले कुछ विशिष्ट तैयारी करने की सलाह दे सकते हैं जैसे –
- अपने डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें
- यदि मरीज किसी एलर्जी या चिकित्सा स्थिति से परेशान है, तो इसकी सूचना डॉक्टर को अवश्य दें।
- ऑपरेशन से कुछ दिन पहले से खून को पतला करने वाली दवाओं के सेवन पर रोक लगाएं।
- मल त्याग में समस्या को कम करने और कब्ज की संभावनाओं को खत्म करने के लिए संतुलित आहार का पालन करें।
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर खुद को हाइड्रेट रखें।
- ऑपरेशन वाले दिन अपने साथ एक व्यक्ति को ज़रूर लाएं।
- ऑपरेशन वाले दिन ढीले या आरामदायक कपड़े पहने
- ऑपरेशन से पहले घर की हर चीज व्यवस्थित कर दें, जिससे ऑपरेशन के बाद किसी भी प्रकार की समस्या न हो।
- ऑपरेशन के बारे में पूरी जानकारी अपने सर्जन से लें।
- सर्जरी से पहले धूम्रपान या शराब के सेवन पर रोक लगाएं, क्योंकि यह रोगी को स्वस्थ होने में मदद करते हैं।
इन सभी बिंदुओं के सिवाय भी डॉक्टर आपको अतिरिक्त सुझाव दे सकते हैं।
बवासीर के लेजर सर्जरी के बाद रिकवरी टिप्स – Bawaseer ke Laser Operation ke Bad ki Recovery Tips
निम्नलिखित निर्देशों का पालन कर कोई भी बवासीर के ऑपरेशन के बाद जल्द से जल्द स्वस्थ हो सकता है –
- अपने डॉक्टर के द्वारा दिए गए दर्द निवारक दवाओं का समय पर सेवन करें।
- सूजन को कम करने के लिए सर्जिकल क्षेत्र पर बर्फ का सेक लगाएं।
- अधिक समय तक एक ही स्थान पर बैठने या खड़े रहने से बचें।
- पेट साफ़ करने और कब्ज से बचने के लिए उच्च फाइबर वाले आहार का सेवन करें।
- दिन भर में पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और स्वयं को हाइड्रेट करें
- रक्त के थक्के से बचने के लिए टहलना शुरू करें।
- मल त्याग में अतिरिक्त जोर न लगाएं। आवश्यकता पड़ने पर दवा का सेवन करें।
- बवासीर के ऑपरेशन के बाद कम से कम 10 दिनों तक भारी सामान उठाने से बचें।
- सर्जिकल क्षेत्र को साफ और सूखा रखें ताकि संक्रमण से बचा जा सके।
- ऑपरेशन के बाद अपने डॉक्टर के द्वारा सुझाए गए सभी दवाओं का समय पर सेवन करें।
एक व्यक्ति को पूरी तरह से स्वस्थ होने में कितना समय लगेगा इसका निर्णय मरीज के स्वास्थ्य और चयनित प्रक्रिया पर निर्भर करता है। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें।
बवासीर के लेजर ऑपरेशन से संबंधित जोखिम और जटिलताएं
बवासीर (Bawaseer) के दूसरे ऑपरेशन की तरह, लेजर ऑपरेशन के भी कुछ जोखिम और जटिलताएं हो सकती हैं जैसे –
- संक्रमण: ऑपरेशन के स्थान पर संक्रमण का खतरा लगातार बना रहता है। इस स्थिति के इलाज के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
- रक्त हानि: प्रक्रिया के दौरान या बाद में खून का आना संभावित समस्या है। यदि ऑपरेशन के बाद रोगी को रक्त हानि होती है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
- दर्द और असहजता: लेजर के द्वारा बवासीर के ऑपरेशन के बाद रोगी को दर्द और असहजता का सामना करना पड़ सकता है। इस स्थिति के नियंत्रण के लिए डॉक्टर कुछ दवाओं का सुझाव दे सकते हैं।
- बवासीर के फिर से उत्पन्न होने की संभावना: कुछ मामलों में देखा गया है कि ऑपरेशन के बाद बवासीर की समस्या रोगी को फिर से परेशान कर सकती है। हालांकि ऐसे मामले बहुत कम होते हैं, लेकिन इस स्थिति से बचने के लिए डॉक्टर कुछ विशेष दिशा-निर्देश या सुझाव दे सकते हैं।
- मूत्र समस्याएं: कुछ रोगियों को लेजर सर्जरी के बाद मूत्र संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जिसका इलाज कुछ दवाओं से संभव है।
- अपूर्ण इलाज: कुछ मामलों में ऑपरेशन के बाद भी बवासीर पूरी तरह से खत्म नहीं हो पाता है। इस स्थिति में अतिरिक्त इलाज या वैकल्पिक प्रक्रिया की आवश्यकता हो सकती है।
- मल त्याग में असामान्यता: लेजर ऑपरेशन के बाद कुछ रोगियों में मल त्याग में असामान्यता देखी गई है। वह रोगी मल त्याग को काबू नहीं कर पाते हैं। ऐसा होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
एनेस्थीसिया के जोखिम: हर प्रकार के ऑपरेशन के साथ, एनेस्थीसिया से जुड़े कुछ जोखिम होते हैं जिनमें एलर्जी, हृदय और श्वसन तंत्र में समस्या इत्यादि समस्या है।
अधिकतर पूछे गए प्रश्न
क्या बवासीर के ऑपरेशन के दौरान दर्द होता है?
बवासीर के ऑपरेशन में सर्जन एनेस्थीसिया का प्रयोग करते हैं, जिसके कारण व्यक्ति को प्रक्रिया के दौरान दर्द और असजहता का अनुभव नहीं होता है। एनेस्थीसिया का प्रभाव खत्म होने के बाद रोगी को थोड़ा दर्द या असहजता का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन डॉक्टर इस स्थिति से निपटने के लिए कुछ सुझाव दे सकते हैं।
क्या बवासीर का इलाज बिना ऑपरेशन के संभव है?
नहीं, बवासीर को सर्जरी के बिना ठीक नहीं किया जा सकता है। यदि इसे लंबे समय तक अनदेखा या अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो यह रोगी की समस्या को और भी ज्यादा बढ़ा सकता है।
बवासीर के ऑपरेशन के बाद रिकवर होने में कितना समय लगता है?
बवासीर के ऑपरेशन के बाद रोगी को स्वस्थ होने में कुछ दिन से लेकर कई सप्ताह तक का समय लग सकता है। इस प्रश्न का उत्तर कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे – ऑपरेशन का प्रकार, रोगी की उम्र, इत्यादि।
क्या ऑपरेशन बवासीर का रामबाण इलाज है?
लेजर ऑपरेशन को बवासीर के लिए एक रामबाण इलाज माना जाता है। यदि रोगी अस्वस्थ जीवनशैली व्यतीत करते हैं, तो इसके कारण बवासीर की समस्या फिर से उत्पन्न हो सकती है। इसलिए अपने जीवन शैली में सकारात्मक बदलाव लाएं।
बवासीर के सभी ऑपरेशन में सबसे अच्छी सफलता दर किसकी है?
सभी ऑपरेशन में लेजर हेमरॉयडेक्टमी को सबसे सफल और सुरक्षित प्रक्रिया माना जाता है। यही कारण है कि ज्यादातर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बवासीर के ऑपरेशन के लिए लेजर सर्जरी का चुनाव करते हैं।
बवासीर की समस्या को अनदेखा करने से क्या होगा?
यदि बवासीर की समस्या को अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो इसके कारण रोगी की समस्याएं बढ़ सकती हैं। रोगी अतिरिक्त दर्द, सूजन, खून निकलना, और प्रोलैप्स पाइल्स की स्थिति का सामना कर सकता है।
क्या बवासीर का इलाज इंश्योरेंस कवरेज के माध्यम से संभव है?
जी हां, बवासीर के लिए लेजर ऑपरेशन (Bawaseer ke laser operation) को बहुत सारी बीमा कंपनी कवर करती है। हालांकि, इलाज के लिए कितना कवरेज मिलेगा यह रोगी के स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। अलग अलग बीमा कंपनियों की अपनी नीति होती है। नीचे कुछ प्रमुख बीमा कंपनियों के बारे में बताया गया है, जो बीमा कवरेज प्रदान करती हैं –
- फ्यूचर जनरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- आदित्य बिरला हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड
- निवा बुपा हेल्थ इंश्योरेंस
- स्टार हेल्थ इंश्योरेंस
पॉलिसी कवरेज के बारे में जानकारी बीमा कंपनी से ही मिलेगी। अधिक जानकारी के लिए अपनी बीमा कंपनी के ग्राहक सेवा अधिकारी से संपर्क करें।
अपॉइंटमेंट बुक करें।
केयर कॉर्डिनेटर से बात करें
6366-448-340इलाज करवा चुके रोगियों के रिव्यु
Bawaseer ki laser surgery se operation ke 3 din baad main acchee tarah se chal paa raha hu aur latrin karne men koi dikkat nahi hoti.
Manoj
Thank you so much, Mera Bahut acche se upchar hua. thanks to doctor for giving such treatment.
Sarthak
Main piles se 2 saal se pareshan tha, thank you to the team, laser surgery ke 2 din baad main sabhi normal kaam kar paa raha hu. Doctor ne poori dekhbhal ki
Aabid
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