कपूर एक ज्वलनशील और सुगंधित पदार्थ है जो पूजा से लेकर मेडिकल क्षेत्र में उपयोगी है। मेडिकल क्षेत्र में इसका मुख्य उपयोग ओवर-द-काउंटर दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है।
कपूर दो प्रकार का होता है। एक पेड़ों से प्राप्त किया जाता है जिसे भीमसेनी कपूर कहते है। एक रसायन द्वारा बनाया जाता है जिसे कृत्रिम कपूर कहते हैं।
कपूर कफ, अपच और खांसी में प्रभावी है। इसकी मदद से बवासीर के दर्द और सूजन को भी कम किया जा सकता है।
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कपूर बवासीर में कैसे फायदेमंद है?
बवासीर को हराने के लिए कपूर एक साथ कई फायदे प्रदान करता है, जैसे:
सूजन कम करता है
सूजन ही बवासीर के दर्द का सबसे बड़ा कारण हैं। गुदा क्षेत्र की रक्त वाहिकाओं और मांसपेशियों में सूजन आ जाता है, जो लगातार बढ़ता जाता है। कपूर एक प्रतिकारक के रूप में कार्य करता है जो स्थानीय रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है और सूजन दूर करता है।
दर्द से छुटकारा
जब कपूर बाहरी रूप से त्वचा पर लगाया जाता है तो प्रभावित क्षेत्र में झुनझुनी शुरू हो जाती है। यह मांसपेशियों में गर्माहट प्रदान करता है जिससे दर्द दूर हो जाता है।
खुजली में लाभदायक
बवासीर होने पर गुदा क्षेत्र में तेज खुजली होती है, पर दर्द इतना तीव्र रहता है का खुजलाने का साहस नहीं होता। कपूर कई प्रकार के संक्रमण से छुटकारा दिलाने में सक्षम है जो खुजली पैदा करते हैं।
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दर्द कम करता है
कपूर गर्माहट प्रदान करने के साथ ठंडाहट का अहसास भी दिलाता है, जिससे दर्द पर दोतरफा वार होता है। इसके लिए कपूर का स्प्रे या क्रीम का उपयोग किया जा सकता है।
कपूर से बवासीर का इलाज कैसे होता है?
बवासीर से छुटकारा पाने के लिए आप कपूर का निम्न तरीकों से उपयोग कर सकते हैं:
नारियल और कपूर का तेल
कपूर और नारियल के तेल को बराबर मात्रा में मिक्स करें फिर बवासीर वाले क्षेत्र पर लगाएं। तेल लगाने के साथ हल्की-हल्की मालिश कर सकते हैं। यह मिश्रण सूजन और जलन दूर कर सकता है।
कपूर का तेल
खाली कपूर का तेल भी बवासीर के मस्सों पर लगाने से राहत मिलती है। दिन में 3-4 बार इस नुस्खे को आजमाना चाहिए।
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अरंडी और कपूर का तेल
बवासीर को दूर करने का यह बेहद आसान तरीका है। अरंडी के तेल में कपूर की गोली मिलाएं और मिश्रण को बवासीर के मस्सों पर लगाएं। यह नुस्खा कुछ ही दिनों में मस्सों को सुखा देता है।
क्या कपूर सभी ग्रेड के बवासीर का इलाज करता है?
कपूर केवल प्रथम ग्रेड के बवासीर का इलाज करने में सक्षम हा। उपयोग करने पर परिणाम सकारात्मक होंगे यह नहीं कहा जा सकता है।
अगर ग्रेड-1 का बवासीर ठीक न हुआ तो यह ग्रेड-2 में प्रवेश कर जाता है। धीरे-धीरे इसका ग्रेड बढ़ता जाता है और यह अधिक जटिल एवं दर्दनाक होता जाता है। इसलिए इसके लक्षण नजर आने पर सीधा डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
आधुनिक तकनीक और उपकरणों की मदद से अब बवासीर का इलाज बहुत आसान हो गया है। रबर बैंड लिगेशन और स्क्लेरोथेरेपी नॉन-सर्जिकल ट्रीटमेंट हैं जो बवासीर के मस्सों को पूरी तरह से सुखा सकते हैं।
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कई दर्दरहित सर्जिकल प्रक्रियाएं भी मौजूद हैं, जो प्रत्येक ग्रेड के बवासीर का इलाज करने में सक्षम हैं। अब आधुनिक लेजर सर्जरी या स्टेपलर सर्जरी की मदद से आधा घंटा के भीतर बवासीर का इलाज हो जाता है। यह सर्जिकल प्रक्रियाएं ओपन हेमोराहाइडेक्टोमी की तरह जटिल नहीं और बेहतर परिणाम देती हैं।
निष्कर्ष
कपूर से ग्रेड-1 की बवासीर का इलाज संभव हो सकता है। प्रथम ग्रेड का बवासीर प्रोलैप्स (मस्सों का बाहर निकलना) नहीं होता है, दर्द कम रहता है और ब्लीडिंग की संभावना भी नहीं रहती है।
अपने शहर में बवासीर का सबसे अच्छा इलाज पाने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमारे अनुभवी प्रोक्टोलॉजिस्ट, रोगी की स्थिति के अनुसार गैर-सर्जिकल ट्रीटमेंट या न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया की मदद से इलाज करते हैं।
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शुरूआती स्टेज के बवासीर को खत्म करने के लिए सूजन रोधी टेबलेट्स और क्रीम दी जा सकती हैं। पाचन बेहतर करने और कब्ज दूर करने के लिए रोगी को रेचक पदार्थ दिए जा सकते हैं। अगर स्थिति जटिल और दर्दनाक है तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह भी दे सकते हैं।