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एनल फिशर (Anal Fissure) एक ऐसी समस्या है, जिसके कारण लोगों को गंभीर दर्द और असहजता का सामना करना पड़ता है। कई मामलों में देखा गया है कि एनल फिशर के कारण लोगों का दैनिक जीवन गंभीर रूप से प्रभावित होता है। इस रोग के लक्षण बवासीर के समान ही होते हैं, जिसके कारण ज्यादातर लोग इस स्थिति के बारे में बात करने से बचते हैं। यदि फिशर को अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो इसके कारण बहुत सारी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
एनल फिशर क्या है? – Fissure kya hai
गुदा के आसपास किसी भी प्रकार के कट या दरार को एनल फिशर कहा जाता है। यह अक्सर क्रोनिक कब्ज, क्रोनिक डायरिया और सख्त मल त्याग की वजह से हो सकता है। पीड़ित रोगी मल त्याग के दौरान तेज दर्द का सामना करते हैं और कुछ गंभीर मामलों में रोगी रक्त हानि का अनुभव कर सकते हैं। यदि 8 सप्ताह तक फिशर का इलाज नहीं होता है, तो यह स्थिति क्रोनिक फिशर में बदल जाती है। क्रोनिक एनल फिशर एक गंभीर स्थिति है जिसका इलाज सिर्फ ऑपरेशन ही है।
चंडीगढ़ में फिशर के बेस्ट डॉक्टर – Chandigarh me Fissure ka ilaj ke liye Doctor
Dr. Varun Gupta
MBBS, MS - General Surgery
18 Years Experience Overall
Dr. Vipul Parmar
MBBS, MS-General Surgery
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चंडीगढ़ में फिशर के बेस्ट क्लिनिक – Chandigarh me Fissure ka ilaj ke liye Clinic
Fissure Clinic, Sector 33A
#182, 33A
All Days - 10:00 AM to 8:00 PM
Fissure Clinic, Sector 22
1599, Sector 22BSector 22, Chandigarh, 160022
All Days - 10:00 AM to 8:00 PM
इलाज करवा चुके रोगियों के रिव्यु
Bawaseer ki laser surgery se operation ke 3 din baad main acchee tarah se chal paa raha hu aur latrin karne men koi dikkat nahi hoti.
Manoj
Thank you so much, Mera Bahut acche se upchar hua. thanks to doctor for giving such treatment.
Sarthak
Main piles se 2 saal se pareshan tha, thank you to the team, laser surgery ke 2 din baad main sabhi normal kaam kar paa raha hu. Doctor ne poori dekhbhal ki
Aabid
कारण :
- लंबे समय तक एक जगह बैठना
- पुरानी कब्ज
- ज्यादा तीखा और मसालेदार खाना
- कम पानी
- पीना फाइबर की कमी
- गुदा क्षेत्र में चोट
- रेक्टल प्रोलेप्स
लक्षण :
- गुदा क्षेत्र में खुजली
- मलत्याग के दौरान रक्तस्त्राव
- गुदा क्षेत्र में दर्द
- गुदा क्षेत्र में जलन
- बैठने में दर्द
फिशर का लेजर उपचार की पात्रता
यदि रोगी में निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं तो डॉक्टर पाइल्स का लेजर ट्रीटमेंट की सलाह दे सकता है-
- यदि फिशर ग्रेड 2 के अंतिम चरण में है
- यदि रोगी को ग्रेड 3 का पाइल्स है
- रोगी ग्रेड 4 के शुरुआती चरण में है
एनल फिशर से संबंधित जानकारी
कारण
- सख्त मल त्याग
- क्रोनिक कब्ज
- क्रोनिक डायरिया
- एनल सेक्स
- गर्भावस्था
लक्षण
- मल त्याग करते समय दर्द और जलन
- मल त्याग के बाद होने वाली जलन का काफी समय तक बने रहना
- गुदा की त्वचा के आस-पास कोई छोटा कट या दरार
- मल त्याग के दौरान रक्त हानि
जोखिम
- गुदा से बदबू आना
- क्रोनिक फिशर
- एनल फिस्टुला
- एनल कैनाल का पतला होना
फिशर में इन खाद्य पदार्थों का सेवन करें
- दलिया
- सेम
- नट
- फल जैसे- सेब, जामुन,नाशपाती
फिशर में इन खाद्य पदार्थों से दूरी बनाएं
- मसालेदार भोजन
- जंक फूड
- प्रोसेस्ड फूड
- बेकरी प्रोडक्ट जैसे- केक, पेस्ट्री आदि
- अधिक तला भोजन
- मिल्क प्रोडक्ट
- कैफीन युक्त पेय या भोजन
- शराब
एनल फिशर का इलाज और निदान – Anal Fissure ka ilaj aur test
एनल फिशर का निदान – Anal fissure ke test
किसी भी स्थिति के इलाज से पहले निदान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनल फिशर की जांच शारीरिक परीक्षण से संभव है। डॉक्टर परामर्श के दौरान रोगी से कुछ प्रश्न पूछते हैं, जिसके जवाब से स्थिति के बारे में बहुत सारी जानकारी मिल सकती है। नीचे कुछ परीक्षण दिए हैं, जिनका सुझाव डॉक्टर के द्वारा दिया जा सकता है:
- रोगी की मेडिकल हिस्ट्री (Medical History): डॉक्टर सबसे पहले चिकित्सा इतिहास की जांच करेंगे। पिछली बीमारियों, वर्तमान में चल रही दवाओं और चिकित्सा इतिहास के बारे में डॉक्टर रोगी से कुछ प्रश्न पूछेंगे।
- शारीरिक परीक्षण (Physical Examination): चिकित्सक रोगी के गुदा की जांच करेंगे। इसके बाद रोगी के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता का मूल्यांकन भी हो सकता है। यदि डॉक्टर को गुदाद्वार के पास किसी कट या फिर सूजन का संकेत दिखता है, तो वह एनल फिशर की पुष्टि कर सकते हैं।
- एनोस्कोपी (Anoscopy): इस परीक्षण को एनोस्कोप की सहायता से किया जाता है, जिसके द्वारा डॉक्टर गुदा के अंदर की स्थिति का परीक्षण कर पाते हैं। यह एक विशेष उपकरण है, जिससे डॉक्टर एनल फिशर की जांच कर सकते हैं।
एनल फिशर का इलाज – Anal Fissure ka ilaj
एनल फिशर का इलाज विभिन्न तकनीकों से संभव है। इलाज की तकनीक रोगी के लक्षण, उम्र, और रोग की स्थिति पर आधारित होता है। कम गंभीर मामलों में डॉक्टर नॉन सर्जिकल इलाज जैसे जीवनशैली और खान-पान में बदलाव, दवाएं, इत्यादि का सुझाव दे सकते हैं। गंभीर मामलों में डॉक्टर ऑपरेशन का सुझाव दे सकते हैं। मुख्यतः दो प्रकार के ऑपरेशन का सुझाव डॉक्टरों के द्वारा दिया जा सकता है –
ओपन एनल फिशर सर्जरी
ओपन सर्जरी के दौरान, रोगी को जनरल एनेस्थीसिया दिया जाता है, जिसके कारण रोगी बेहोश रहता है। इसके बाद, एनल फिशर तक पहुंचने के लिए गुदा के पास एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। चीरे का स्थान और आकार फिशर की स्थिति पर निर्भर करता है।
ऑपरेशन के दौरान फिशर के आसपास के किसी भी क्षतिग्रस्त ऊतक को सावधानीपूर्वक हटा दिया जाता है। ऑपरेशन के बाद, चीरे को टांकों की सहायता से बंद कर दिया जाता है। प्रक्रिया के बाद, रोगी के स्वास्थ्य की जांच की जाती है और आकलन किया जाता है कि सभी चीजें ठीक हो। मुख्यतः डॉक्टर बेहोशी की दवा के प्रभाव के खत्म होने की प्रतीक्षा करते हैं।
लेजर एनल फिशर सर्जरी
लेजर सर्जरी एक आधुनिक सर्जरी है, जिसमें सर्जन सबसे पहले रोगी को इस प्रकार लिटाया जाता है कि ऑपरेशन करना आसान हो जाए। दर्द-मुक्त प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए डॉक्टर प्रभावित क्षेत्र को एनेस्थीसिया से सुन्न कर सकते हैं। इसके पश्चात सर्जन फिशर के स्थान तक पहुंचने के लिए गुदा के प्राकृतिक उद्घाटन के माध्यम से लेजर का उपयोग करेंगे।
लेजर का उपयोग करके सर्जन गुदा के आसपास के क्षतिग्रस्त मांसपेशियों को सावधानीपूर्वक हटा देंगे। सर्जरी के बाद, रोगी को रिकवरी रूम में ले जाया जाता है, जहां उसे कुछ समय के लिए रखा जाता है।
एनल फिशर एक ऐसी समस्या है, जिसका निदान और इलाज समय रहते किया जाना चाहिए। समय पर इलाज से इस समस्या का समाधान संभव है। यदि किसी व्यक्ति को एनल फिशर की समस्या है और सामान्य उपचार असफल हो रहा हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें और ऑपरेशन के विकल्पों पर चर्चा करें। सुझाव के अनुसार एक उपयुक्त सर्जिकल प्रक्रिया को चुनना उचित रहेगा। एनल फिशर के उचित निदान और इलाज के लिए अनुभवी डॉक्टरों की जरूरत होती है। हमारे पासचंडीगढ़ में एनल फिशर के सबसे अधिक अनुभवी डॉक्टर हैं, जिन्हें कई वर्षों का अनुभव है।
चंडीगढ़ में फिशर के इलाज के लेजर ऑपरेशन के फायदे – Laser Anal Fissure surgery ke fayde
एनल फिशर के लेजर ऑपरेशन के बहुत सारे फायदे हैं जैसे –
- न्यूनतम इनवेसिव: लेजर एनल फिशर सर्जरी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जिसमें फिशर के इलाज के लिए लेजर बीम का उपयोग होता है।
- बेहतर उपचार: लेजर तकनीक से बेहतर इलाज संभव हो पाता है, क्योंकि यह एक आधुनिक तकनीक है और इसके कारण आस-पास के ऊतकों को किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती है।
- संक्रमण का कम खतरा: एनल फिशर के ऑपरेशन में लेजर तकनीक के उपयोग से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। लेजर एनल फिशर सर्जरी संक्रमण की संभावना को कम करता है और एक सुरक्षित सर्जिकल अनुभव सुनिश्चित करता है।
- सुरक्षा और सटीकता: एनल फिशर के लेजर ऑपरेशन के कारण सुरक्षित और सटीक इलाज संभव है।
- ऑपरेशन के बाद दर्द में कमी: ओपन सर्जरी की तुलना में लेजर एनल फिशर सर्जरी के बाद दर्द का जोखिम कम हो जाता है।
- रक्त हानि का कम होना: लेजर तकनीक से ऑपरेशन के बाद रक्त हानि की संभावना न के बराबर होती है।
- कम समय के लिए अस्पताल में रहना: एनल फिशर के लेजर ऑपरेशन के बाद अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। वह जल्द से जल्द अपने सामान्य जीवन शैली को अपना सकते हैं।
- उच्च सफलता दर: एनल फिशर के लेजर ऑपरेशन के बाद उच्च सफलता दर देखी गई है। प्रक्रिया की सटीक और प्रभावी प्रकृति, बेहतर उपचार के साथ, रोगियों को दीर्घकालिक राहत प्रदान करती है।
फिशर के लिए लेजर इलाज के फायदे को एक टेबल की सहायता से समझते हैं –
चंडीगढ़ में एनल फिशर की लेजर सर्जरी |
एनल फिशर की अन्य सर्जिकल प्रक्रिया |
ऑपरेशन के दौरान रक्त हानि नहीं होती है |
ऑपरेशन के दौरान रक्त हानि हो सकती है |
फिशर की सर्जरी के बाद जख्म भरने में समय नहीं लगता है और रिकवरी के दौरान दर्द भी नहीं होता है। |
सर्जरी के बाद रिकवरी के समय बहुत तेज दर्द होता है और जख्म भरने में 15 दिन तक का समय लगता है |
पूरी प्रक्रिया 30 मिनट में खत्म हो जाती है |
फिशर ऑपरेशन में 30 मिनट से भी ज्यादा का समय लगता है |
एक दिन में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाता है |
अस्पताल से डिस्चार्ज होने में 1 हफ्ते तक का समय लग सकता है |
रोगी दो दिन में अपने सभी साधारण कार्य कर सकते हैं |
15 दिन तक बेड रेस्ट की जरूरत होती है |
सर्जरी के बाद मल त्याग में समस्या नहीं होती है |
बहुत सारी परेशानी और दर्द का सामना करना पड़ता है |
इन्फेक्शन होने की बहुत कम संभावना होती है |
इन्फेक्शन होने का खतरा अधिक होता है |
लंबे समय तक फिशर से राहत मिलती है |
सर्जरी के बाद एनल फिशर फिर से रोगी को परेशान कर सकता है |
खानपान में बदलाव करने की कोई आवश्यकता नहीं है |
इलाज के बाद बहुत परहेज करना पड़ता है |
फिशर ऑपरेशन के बाद स्वस्थ रहने के लिए इन निर्देशों का पालन करें
- डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाओं को समय पर लें।
- सूजन को कम करने के लिए सर्जिकल क्षेत्र पर बर्फ की सेक लगाएं।
- सर्जिकल क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
- सिट्ज़ बाथ लें।
- मल त्याग के दौरान तनाव से बचें।
- कब्ज से बचने के लिए उच्च फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
- पानी पीकर स्वयं को हाइड्रेटेड रखें।
- मसालेदार और अधिक तला भोजन खाने से बचें।
- रक्त संचार को बढ़ावा देने के लिए टहलें।
- लंबे समय तक बैठने से बचें।
- बैठते समय कुशन या तकिये का प्रयोग करें।
- फिशर की ओपन सर्जरी के बाद अतिरिक्त ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
- भारी सामान उठाने या उन गतिविधियों को करने से बचें, जिसमें ज्यादा जोर लगाना पड़े।
- आराम करें और नींद पूरी करें।
चंडीगढ़ में फिशर के ऑपरेशन के लिए हमें क्यों चुनें
- अनुभवी डॉक्टरों का साथ
- एडवांस लेजर उपकरण से ऑपरेशन
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- इलाज वाले दिन अस्पताल से घर और घर से अस्पताल तक निःशुल्क वाहन सुविधा
अधिकतर पूछे गए प्रश्न
चंडीगढ़ में फिशर का स्थाई इलाज कहां से होगा?
चंडीगढ़ में एनल फिशर का उपचार करने के लिए हमारे डॉक्टर एडवांस लेजर उपकरण का उपयोग करते हैं। लेजर सर्जरी से ऑपरेशन कराने पर फिशर के दोबारा होने की संभावना बहुत कम हो जाती है, लेकिन यदि ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन न किया जाए तो रिकवरी में जटिलताएं उत्पन्न हो सकती है और फिशर फिर से उत्पन्न हो सकता है।
क्या एनल फिशर के इलाज के बाद मल त्याग में कोई समस्या आ सकती है?
चंडीगढ़ में एनल फिशर की लेजर सर्जरी के बाद एक सुरक्षित रिकवरी के लिए और मल त्याग के दौरान कोई भी समस्या न हो इसलिए डॉक्टर रोगी को उचित डाइट चार्ट बना कर देते हैं। इसमें हल्के आहार का सेवन करना और अधिक मात्रा में पानी पीना शामिल होगा। इसके अलावा कुछ ख़ास किस्म के योगासन भी बताए जाएंगे, जिससे मल को मुलायम करने में मदद मिलेगी। डॉक्टरों के द्वारा बताए गए डाइट का पालन करके रोगी इस स्थिति से बच सकते हैं।
क्या एनल फिशर के ऑपरेशन में दर्द होता है?
एनल फिशर के ऑपरेशन और रिकवरी के दौरान रोगी को दर्द हो सकता है। लेकिन दर्द की तीव्रता हर व्यक्ति के लिए अलग अलग हो सकती है।
क्या होगा यदि फिशर का इलाज समय पर नहीं होता है?
यदि एनल फिशर का इलाज समय पर नहीं होता है, तो इसके कारण व्यक्ति को लंबे समय तक तेज दर्द और असहजता का सामना करना पड़ सकता है। यदि स्थिति में थोड़ा भी सुधार नहीं हुआ, तो इसके कारण रोगी को गुदा क्षेत्र में संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है।
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